यीशु की ओर मुड़ना: पश्चात्ताप और विश्‍वास


हम में से हर कोई, अपने दिल की गहराई में जानता है कि दुनिया में कुछ सही नहीं है — और हमारे भीतर भी कुछ सही नहीं है। हम अच्छे बनने की कोशिश कर सकते हैं, धर्म का पालन कर सकते हैं, दूसरों की मदद कर सकते हैं, या कई तरीकों से सच्चाई की तलाश कर सकते हैं, फिर भी एक कमी बनी रहती है — अपराधबोध, शर्म, या खालीपन की भावना जिसे हम अपने प्रयासों से दूर नहीं कर सकते।

ऐसा इसलिए है क्योंकि हम एक जीवित और सच्चे परमेश्वर के साथ रिश्ते के लिए बनाए गए थे। लेकिन वह रिश्ता टूट गया है। बाइबल कहती है,
“सब ने पाप किया है और परमेश्वर की महिमा से वंचित हैं।” (रोमियों 3:23)
पाप केवल गलत काम करना नहीं है — यह परमेश्वर से मुँह मोड़ना, उससे अलग जीवन की तलाश करना है।

लेकिन परमेश्वर, दया से भरे हुए, हमें इस स्थिति में नहीं छोड़ते। उन्होंने यीशु मसीह को भेजा, जो एक कुँवारी से पैदा हुए, ताकि वह एक निष्पाप जीवन जी सकें, हमें परमेश्वर का दिल दिखा सकें, और हमारे पापों के लिए क्रूस पर मर सकें। वह तीसरे दिन फिर से जी उठे, मृत्यु को हरा दिया और हमें अनंत जीवन प्रदान किया।

इस उपहार को पाने के लिए, पहला कदम पश्चात्ताप है — पाप से दूर होकर परमेश्वर की ओर मुड़ना।
पश्चात्ताप का मतलब केवल पछतावा महसूस करना नहीं है — इसका मतलब है दिल में बदलाव, समर्पण और नया होने की इच्छा।

फिर आता है विश्‍वास — आपको बचाने के लिए केवल यीशु पर ही भरोसा रखना। अपने अच्छे कामों पर नहीं, न ही रस्मों पर, बल्कि यीशु के क्रूस पर किए गए पूरे काम पर।
बाइबल वादा करती है:
“यदि तू अपनी जुबान से यह मान ले कि यीशु ही प्रभु है, और अपने मन में यह विश्वास कर ले कि परमेश्वर ने उसे मरे हुओं में से फिर से जीवित किया, तो तेरा उद्धार हो जाएगा।” (रोमियों 10:9)

यीशु पर विश्‍वास अंधा नहीं है। यह परमेश्वर के प्रेम और सत्य पर एक प्रतिक्रिया है। वह तुम्हें नाम से पुकारता है। वह तुम्हारी कहानी जानता है। वह तुम्हें बुलाता है कि तुम जैसे हो वैसे ही आओ।

क्या आप यह नया जीवन शुरू करना चाहेंगे? आप एक सच्चे दिल से प्रार्थना कर सकते हैं:
“हे परमेश्वर, मैं अपने पाप और अपने तरीकों से मुँह मोड़ता हूँ। मैं विश्वास करता हूँ कि यीशु मेरे लिए मरा और फिर से जी उठा। मुझे क्षमा कर, मुझे शुद्ध कर, और मुझे नया बना। मैं तुझ पर भरोसा रखता हूँ। मेरे जीवन में आ और मेरा नेतृत्व कर। आमीन।”

यह एक नई यात्रा की शुरुआत है — एक नया जन्म — एक नया दिल।